महाभारत में धर्मपक्षी की कहानी इस प्रकार है:
1. एक अप्सरा ने दुर्वासा को मोहित करने की कोशिश की थी, लेकिन दुर्वासा ने उसे सोलह साल के लिए पक्षी बनने का श्राप दे दिया. इस श्राप से पैदा हुए पक्षी का नाम तार्क्षि था. कुरुक्षेत्र के युद्ध में तार्क्षि उड़कर युद्ध के मैदान में आ गई और अर्जुन के बाण से घायल होकर गिरी. तार्क्षि के पेट में अंडे थे, लेकिन हाथी के गले में बंधी घंटी की वजह से अंडे सुरक्षित रहे. युद्ध खत्म होने के बाद, ऋषि शमीक ने घंटी को हटाकर चार चूज़े निकाले. ऋषि शमीक ने इन पक्षियों को अपने आश्रम में ले जाया. इन पक्षियों ने महाभारत की पूरी कहानी सुनी थी और उन्हें सभी चीज़ों का ज्ञान था. जैमिनी ऋषि ने इन पक्षियों से महाभारत से जुड़े चार सवाल पूछे. इन सवालों का जवाब देने के बाद, पक्षियों का श्राप टूट गया और वे पक्षी योनि से मुक्त हो गए.
लेकिन अर्जुन के दुसरे बाण ने एक हाथी के गले के घंटे को काट दिया जिससे वो घंटा, अण्डों को सुरक्षा देते हुए उसके ऊपर आ गिरा..उस पक्षी को अर्जुन के बाण से मरने का शाप था इसलिए वो मर गया. लेकिन जब तक महा-भारत का युद्ध चला तब तक वो अंडे उस घंटे के नीचे सुरक्षित रहे. बाद में जब उस घंटे को ऋषि शमिक द्वारा हटाया गया तो वहां उसके नीचे चार पक्षी थे. उन पक्षियों ने महाभारत के युद्ध से लेकर कृष्ण की सारी बातें सुनी थी इसलिए उन्हें धर्मपक्षी कहा जाता है
----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
प्रिय पाठकों, कैसी लगी यह कथा?
आशा करते हैं कि आपको यह कथा पसंद आई होगी। अगली बार फिर मिलेंगे एक और भक्तिपूर्ण कथा के साथ। तब तक अपना ख्याल रखें, मुस्कुराते रहें, और दूसरों के साथ खुशी बाँटते रहें।
दोस्तों आपको मेरे द्वारा लिखे गये लेख कैसे लगे कृप्या अपनी प्रतिक्रिया कमेन्ट मे जरूर दें।हर हर महादेव।। प्रभु की कृपा हमेशा सब पर बनी रही। 👋हर हर महादेव! धन्यवाद।
#livethelittlethings #visualsgang #darlingmovement #collectivelycreate #behindthescenes #flashesofdelight #darlingmovement #chasinglight #risingtidesociety #finditliveit #seekthesimplicity #theartofslowliving #myunicornlife #lookslikefilm #thatsdarling #momentswithsunday #alifeconscious #dedication #determination #dreams #documentyourdays #holdyourmoments #simpleliving
0 Comments