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सनातन धर्म?



sanatan dharm

'सनातन' का शाब्दिक अर्थ है - शाश्वत या 'सदा बना रहने वाला', यानी जिसका न आदि है न अन्त। सनातन धर्म जिसे हिन्दू धर्म अथवा वैदिक धर्म के नाम से भी जाना जाता है। इसे दुनिया के सबसे प्राचीनतम धर्म के रूप में भी जाना जाता है।

विभिन्न ग्रंथों में कर्तव्यों की अलग-अलग सूचियां दी गई हैं, लेकिन सामान्य तौर पर सनातन धर्म में ईमानदारी, जीवित प्राणियों को चोट पहुंचाने से बचना, पवित्रता, सद्भावना, दया, धैर्य, सहनशीलता, आत्म-संयम, उदारता और तप जैसे गुण शामिल हैं।

श्लोक : ।। येषां न विद्या न तपो न दानं, ज्ञानं न शीलं न गुणो न धर्मः । ते मृत्युलोके भुवि भारभूता, मनुष्यरूपेण मृगाश्चरन्ति।। अर्थ : जिसके पास विद्या, तप, ज्ञान, शील, गुण और धर्म में से कुछ नहीं वह मनुष्य ऐसा जीवन व्यतीत करते हैं जैसे एक मृग।

हिन्दू धर्म एक धर्म (या, जीवन पद्धति) है जिसके अनुयायी अधिकांशतः भारत, नेपाल और मॉरिशस में बहुमत में हैं। इसके अलावा सूरीनाम, फिजी इत्यादि। इसे विश्व का प्राचीनतम धर्म माना जाता है। इसे 'वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म' भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है।

इस धर्म का मूल सार पूजा,जप-तप,दान,सत्य, अहिंसा, दया, क्षमा और यम-नियम हैं। ऐसा कहा जाता है कि देवों, ऋषि-मुनियों और यहां तक कि साधारण मनुष्य ने भी इसी मार्ग पर चलकर अपना उत्थान किया है। सनातन में ॐ को प्रतीक चिह्न माना जाता है। इस धर्म में शिव-शक्ति, ब्रह्म और विष्णु को समान माना गया है।

साधारण शब्दों में धर्म के बहुत से अर्थ हैं जिनमें से कुछ ये हैं- कर्तव्य, अहिंसा, न्याय, सदाचरण, सद्-गुण आदि। धर्म का शाब्दिक अर्थ होता है, 'धारण करने योग्य' सबसे उचित धारणा, अर्थात जिसे सबको धारण करना चाहिये। हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, जैन या बौद्ध आदि धर्म न होकर सम्प्रदाय या समुदाय मात्र हैं।

सनातन धर्म को लेकर धार्मिक लीडर्स की राय

गौरंग दास प्रभुजी के अनुसार, "गीता मानती है कि वैदिक साहित्य का पांचवा अध्याय ईश्वर है और वही सनातन है यानी सदैव रहने वाला। इसी के साथ, आत्मा को भी सनातन माना गया है। अब ईश्वर और जीव दोनों ही सनातन हैं, तो सनातन आत्मा का सनातन ईश्वर की सेवा करना ही सनातन धर्म कहलाएगा।"

सनातन धर्म, भारतीय उपमहाद्वीप से उत्पन्न हुआ एक धर्म है, जिसका अर्थ है - शाश्वत या 'सदा बना रहने वाला', अर्थात् जिसका न आदि है न अन्त। ॐ सनातन धर्म का प्रतीक चिह्न ही नहीं बल्कि सनातन परम्परा का सबसे पवित्र शब्द है।

अब जानिए हिन्दू धर्म में समाहित पंथ : मूलत: हिन्दुओं के छह पंथ माने जा सकते हैं- वैष्णव, शैव, शाक्त, वैदिक, स्मार्त और संत।

सबसे पवित्र मंत्र कौन सा है?

ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।

मूल मंत्र क्या है?

यह एक प्रार्थना है जो महान निर्माता और मुक्तिदाता की आराधना करती है, जो प्रेम और करुणा से, सांसारिक रूप में हमारी रक्षा करने के लिए प्रकट होते हैं। इस मूलमंत्र ने दुनिया भर के लोगों को बहुत शांति और खुशी दी है, जिन्होंने इसका जाप किया है या इसे सुना है।

सनातन से आपका क्या मतलब है?

'सनातन' शब्द की जड़ें संस्कृत में हैं जिसका अनुवाद "शाश्वत", "प्राचीन", "आदरणीय" या "अटल" हो सकता है। इसलिए, लोकप्रिय हिंदू मान्यताओं के अनुसार, 'सनातन धर्म' एक ऐसा धर्म है जो अनादि काल से अस्तित्व में है।

कौन से देश में हिंदू नहीं है?

दुनिया का ऐसा देश है कंबोडिया जहां आधिकारिक तौर पर एक भी हिंदू नहीं हैं। कंबोडिया दुनिया का इकलौता ऐसा देश है जिसके राष्ट्रीय झंडे पर मंदिर की तस्वीर है। कंबोडिया के झंडे में कई बार बदलाव किया गया लेकिन इस पर बने मंदिर को कभी नहीं बदला गया।

दुनिया में कितने धर्म हैं?

फिर भी एक अनुमानित आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में धर्मों की संख्या लगभग 300 से ज्यादा होगी, लेकिन व्यापक रूप से 7 धर्म ही प्रचलित हैं हिन्दू, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई, इस्लाम, यहूदी और वुडू। इसके अलावा पारसी, यजीदी, जेन, शिंतो, पेगन, बहाई, ड्रूज़, मंदेंस, एलामितेस आदि धर्म को मानने वालों की संख्‍या बहुत कम है।

हिंदू धर्म में कितने ग्रंथ हैं?

4 वेद, ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद। वेदों में संहिता, ब्राह्मण, आरण्यक और उपनिषद शामिल हैं। 108 उपनिषद.

सनातन धर्म क्या है श्लोक?

अहिंसा, क्षमा, सत्य, लज्जा, श्रद्धा, इंद्रियसंयम, दान, यज्ञ, तप और ध्यान – ये दस धर्म के साधन है । #धर्मः कामदुधा सदा सुखकरी संजीवनी चौषधीः । प्रेम्णैनं परमेण पालय ह्रदा नो चेत् वृथा जीवनम् ॥

सनातन धर्म के जनक कौन है?

हिंदू धर्म को सनातन धर्म के नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ है “सही जीवन जीने का प्राचीन तरीका”। हिंदू धर्म सभी स्थापित विश्वास प्रणालियों में सबसे पुराना और सबसे जटिल है, जिसकी उत्पत्ति भारत में 5000 साल से भी ज़्यादा पुरानी है। हिंदू धर्म का कोई ज्ञात पैगम्बर या एकल संस्थापक नहीं है ।

सनातन का अर्थ क्या होता है?

सनातन को प्राचीन भी बोला जाता है सबसे प्राचीन। हम इसको दूसरी तरह से देखे तो हम इसको ऐसे मान सकते है की जब प्रथम जीव ने इस धरती पर अपने शरीर के अंदर स्वास लिया होगा सांस लिया होगा उस दिन से सनातन प्रारम्भ हुआ और जिस दिन आखरी जीव इस धरती पर अपने शरीर के अंदर आखरी सांस लेगा या स्वास लेगा उस दिन सनातन समाप्त हो जाएगा।

गीता के अनुसार सनातन क्या है?

सनातन का अर्थ है शाश्वत या हमेशा बना रहने वाला अर्थात् जिसका न आदि है न अन्त। ' जैसे भगवान शाश्वत ( सनातन) हैं, ऐसे ही सनातन धर्म भी शाश्वत है। भगवान ने तो सनातन धर्म को अपना स्वरूप बताया है । ब्राह्मणो हि प्रतिष्ठाऽहममृतस्याव्ययस्म च शाश्वतस्य च धर्मस्य सुखस्यैकान्तिकस्य च । ।

धर्म का संस्कृत नारा क्या है?

" धर्मो रक्षति रक्षितः ।" - धर्म उनकी रक्षा करता है जो इसकी रक्षा करते हैं। "धर्मो विग्रहवान् धनम्।" - धर्म सबसे बड़ा धन है. "सत्यमेव जयते।" - सत्य की ही जीत होती है। "अहिंसा परमो धर्म:।" - अहिंसा धर्म का सर्वोच्च रूप है।

वेद का पहला श्लोक क्या है?

ओम् अग्निमीले पुरोहितं यज्ञस्य देवमृत्विजम् । होतारं रत्नधातमम् ।। इसमंत्र के ऋषि-मधुछन्दा,देवता अग्नि,छन्द गायत्री, स्वर षडज हैं । महर्षि दयानंद सरस्वती के भाष्य में यहाँ अग्नि के दो अर्थ बतलाये गये हैं ।

सनातन धर्म का मूल मंत्र क्या है?

जिसका न प्रारंभ है और जिसका न अंत है उस सत्य को ही सनातन कहते है. यही सनातन धर्म का सत्य है. सत्य, अहिंसा, त्याग और परोपकार सनातन धर्म के मूल मंत्र हैं।

सनातन धर्म की सच्चाई क्या है?

ईश्वर, आत्मा और मोक्ष सत्य है, इसलिए इस मार्ग को बताने वाला धर्म ही सनातन धर्म है और सत्य भी है। यह सत्य अनादिकाल से चल रहा है, जिसका अंत नहीं होगा। जिनका न प्रारंभ है और न अंत है उस सत्य को ही सनातन कहते हैं और यही सनातन धर्म का सत्य है।

सनातन धर्म को संस्कृत में क्या कहते हैं?

संस्कृत में, सनातन धर्म का अनुवाद लगभग " शाश्वत कानून " या, कम शाब्दिक रूप से, "शाश्वत मार्ग" होता है। पाली में, समतुल्य शब्द धम्मो सनातनो (धम्मो सनातनो) है। हिंदी में, संस्कृत तत्सम धर्म (धर्म) का उपयोग "धर्म" के रूप में किया जा रहा है। सनातन धर्म (सनातन धर्म) का मोटे तौर पर अनुवाद "सनातन धर्म" है।

हिंदू की पहचान कैसे होती है?

सावरकर ने हिंदू धर्म की पहचान राष्ट्र, जाति और संस्कृति से की है। एक हिंदू भारत में उत्पन्न धार्मिक परंपराओं में से एक का अनुयायी होता है, लेकिन वह भी होता है जो अन्य हिंदुओं की तरह रक्त, संस्कृति और भारत की पवित्र भूमि के प्रति श्रद्धा के रिश्ते साझा करता है।

रामायण के अनुसार धर्म क्या है?

रामायण के अनुसार धर्म केवल अध्यात्म नहीं है. यह व्यक्तिगत आचरण, सामाजिक कर्तव्य और नैतिक मूल्यों का संयोजन है. यह सत्य, न्याय, दया, कर्तव्यपरायणता, त्याग, नैतिकता और सामाजिक कल्याण जैसे गुणों को बढ़ावा देता है.

हिंदू नाम कैसे पड़ा?

"हिन्दू" शब्द की उत्पत्ति पुरानी फ़ारसी से हुई है जिसने इन नामों को संस्कृत नाम सिंधु , सिंधु नदी का जिक्र करते हुए। समान शब्दों के ग्रीक सजातीय शब्द " इंडस " (नदी के लिए) और " इंडिया " (नदी की भूमि के लिए) हैं।

हिंदू धर्म है या जाति?

हिंदू धर्म को विभिन्न रूप से एक धर्म , एक धार्मिक परंपरा, धार्मिक विश्वासों का एक समूह और "जीवन जीने का एक तरीका" के रूप में परिभाषित किया गया है। पश्चिमी शब्दावली के दृष्टिकोण से, हिंदू धर्म को, अन्य धर्मों की तरह, एक धर्म के रूप में संदर्भित करना उचित है।

श्री कृष्ण के अनुसार धर्म क्या है?

गीता में श्रीकृष्ण ने धर्म का सही मतलब बताया है. गीता के अनुसार, गौर से समझो कि तुम्हें जो चाहिए, वो क्या है और उसकी प्राप्ति में पूरा ज्ञान लगा दो, यही धर्म है. गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं दूसरे के कर्तव्य का पालन करने से भय होता है और स्वधर्म में मरना भी बेहतर होता है.

सनातन धर्म क्या उपदेश देता है?

सनातन धर्म के मूल तत्व सत्य, अहिंसा, दया, क्षमा, दान, जप, तप, यम-नियम आदि हैं जिनका शाश्वत महत्व है। अन्य प्रमुख धर्मों के उदय के पूर्व वेदों में इन सिद्धान्तों को प्रतिपादित कर दिया गया था। भावार्थ : अर्थात हे ईश्वर मुझे असत्य से सत्य की ओर ले चलो, अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो।

सबसे पवित्र धर्म कौन सा है?

सनातन धर्म, भारतीय उपमहाद्वीप से उत्पन्न हुआ एक धर्म है, जिसका अर्थ है - शाश्वत या 'सदा बना रहने वाला', अर्थात् जिसका न आदि है न अन्त। ॐ सनातन धर्म का प्रतीक चिह्न ही नहीं बल्कि सनातन परम्परा का सबसे पवित्र शब्द है।

पांच संप्रदाय कौन से हैं?

वैष्णव, 2. शैव, 3. शाक्त, 4 स्मार्त और 5. वैदिक संप्रदाय।

3 मंत्र कौन से हैं?

मंत्र 3 प्रकार के हैं- सात्विक, तांत्रिक और साबर। सभी मंत्रों का अपना-अलग महत्व है।

सनातन धर्म का मंत्र क्या है?

ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।। - यह मंत्र ईश्‍वर और सूर्य को समर्पित है।

हिन्दू और सनातन में क्या अंतर है?

हिंदू धर्म जहां प्रतिष्ठान पूजा, मंदिर (Mandir) और व्रतों को महत्व देता है तो वही सनातन धर्म यज्ञ, साधना, तप और ध्यान को प्राथमिकता देता है. सनातन धर्म अनेक सम्प्रदायों जैसे- सिख, जैन, बौद्ध और अन्य धर्मों का धार्मिक सम्प्रदाय है, तो हिंदू धर्म में केवल हिंदू सम्प्रदाय शामिल है.

सभी धर्मों के पिता कौन थे?

सभी धर्मो के पितामाह है परमपिता परमात्मा शिव जो बिन्दु स्वरूप होते है सभी धर्म व मजहब के लोग उनको अलग-अलग नाम से पुकारते है भगवान,खुदा,ईश्वर,परमात्मा,प्रभु,गॉड इत्यादि नाम से पुकारते है।

दुनिया का सबसे पवित्र ग्रंथ कौन सा है?

वेद सबसे प्राचीन पवित्र ग्रंथों में से हैं। संहिता की तारीख लगभग 1700-1100 ईसा पूर्व, और "वेदांग" ग्रंथों के साथ-साथ संहिताओं की प्रतिदेयता कुछ विद्वान वैदिक काल की अवधि 1500-600 ईसा पूर्व मानते हैं तो कुछ इससे भी अधिक प्राचीन मानते हैं।

100% हिंदू देश कौन सा है?

मौजूदा समय में, भारत और नेपाल ही दो ऐसे देश हैं जहाँ हिंदू बहुसंख्यक हैं.

कौन सा धर्म तेजी से फैल रहा है?

इस्लाम भारत में सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म है।

पहला हिंदू कौन था?

हिन्दू धर्म में सबसे पहले 9057 ईसा पूर्व स्वायंभुव मनु हुए, 6673 ईसा पूर्व में वैवस्वत मनु हुए. पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीराम का जन्म 5114 ईसा पूर्व और श्रीकृष्ण का जन्म 3112 ईसा पूर्व बताया जाता हैं.

भरत किसका अवतार था?

माता कौशल्या के पुत्र भगवान राम, माता सुमित्रा के पुत्र भगवान लक्ष्मण और माता कैकई के पुत्र भरत और शत्रुघ्न हैं. किसके अवतार हैं भरत? धार्मिक ग्रंथ के अनुसार, भगवान राम के छोटे भाई भरत को भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र का अवतार बताया गया है.

राम और लक्ष्मण की आयु कितने वर्ष थी?

'वाल्मीकि रामायण' में बताया गया है कि भगवान राम की आयु 10,000 वर्ष थी। इसके अलावा, 'अथर्ववेद' में राम की आयु 100 वर्ष बताई गई है। हालांकि, इसके अतिरिक्त, कुछ कथाओं में भगवान राम की आयु को अधिक बताया गया है। उदाहरण के लिए, राम के चरित्र को लिखने वाले कल्हंड के अनुसार राम की आयु 11,000 वर्ष थी।

मृत्यु के समय राम की उम्र कितनी थी?

भगवान राम जब वनवास के लिए गए थे, तो उनकी आयु 25 वर्ष थी और जब श्रीराम वापस लौटे तो राम की आयु 39 वर्ष थी। पौराणिक कहानियों के अनुसार श्रीराम ने 30 साल और 6 महीने तक अयोध्या में शासन किया था और जब राम की आयु 70 साल थी, तो उन्होंने अयोध्या राज्य को छोड़ दिया था।

राम नाम जपने से क्या लाभ है?

यह ध्यान और मेधा को बढ़ाता है और आत्मा को परमात्मा के साथ जोड़ने में मदद करता है। पापों का नाश - राम नाम जप से पापों का नाश होता है और व्यक्ति धार्मिक गुणों में वृद्धि करता है। भक्ति में वृद्धि - राम नाम का जप करने से भक्ति में वृद्धि होती है और व्यक्ति भगवान के प्रति अधिक समर्पित होता है।

भरत और शत्रुघ्न की मृत्यु कैसे हुई?

भरत ने राम और शत्रुघ्न के साथ सरयू नदी में डूबकर समाधि ली थी। बाद में, उन्हें भगवान विष्णु के रूप में पुनः स्थापित किया गया।

कलयुग में हनुमान को किसी ने देखा है?

कलयुग में तुलसीदास जी, समर्थ रामदास जी, भक्त माधव दास, नीम करोली बाबा, राघवेंद्र स्वामी सहित कई लोग थे जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्हें हनुमान जी के दर्शन हुए थे । शास्त्रों और वेदों में हनुमान जी को कलियुग का देवता बताया गया है।

हनुमान जी का परम भक्त कौन था?

बाबा नीम करोली हनुमानजी के परम भक्त थे और उन्होंने देशभर में हनुमानजी के कई मंदिर बनवाए थे। नीम करोली बाबा के कई चमत्कारिक किस्से हैं। उनके बारे में कहा जाता है कि हनुमानजी उन्हें साक्षात दर्शन देते थे।

रावण किसका अवतार था?

पहले जन्म में जय-विजय ने हिरण्यकशिपु व हिरण्याक्ष के रूप में जन्म लिया। भगवान विष्णु ने वराह अवतार लेकर हिरण्याक्ष का तथा नृसिंह अवतार लेकर हिरण्यकशिपु का वध कर दिया। दूसरे जन्म में जय-विजय ने रावण व कुंभकर्ण के रूप में जन्म लिया।

रोजाना 108 बार भगवान राम के नाम का जाप करने से क्या फायदे हैं?

राम नाम जाप की अद्भुत चमत्कार...

इससे वे निरोगी हो सकते हैं. अगर आप राम दरबार का स्मरण करते हैं और 108 बार 'अजपा' जप करते हैं, तो जीवन के सभी कठिनाइयों से मुक्ति प्राप्त होती है. 'अजपा' जप से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य जैसे- ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसी अन्य समस्याओं को भी नियंत्रित किया जा सकता है.

कलयुग में राम नाम जपने से क्या होता है?

कलियुग में राम नाम सभी मनोवांछित फल प्रदान करने वाला है. इस नाम का जाप करने से परलोक में भगवान का परमधाम प्राप्त होता है और इस लोक में सभी प्रकार से पालन और रक्षा करता है. कलियुग में न कर्म है, न भक्ति है और न ही ज्ञान है. राम नाम का ही एक आधार है.

चलते फिरते मंत्र जाप करने से क्या होता है?

ध्यान केंद्रित करने में मदद: मंत्र जाप करने से आपका ध्यान एक बिंदु पर केंद्रित होता है, जिससे आपके मन की अस्थिरता कम होती है। मन की शांति: मंत्र का निरंतर उच्चारण आपके मन को शांत करता है और आपको एक गहरी शांति का अनुभव कराता है।

राम का नाम इतना शक्तिशाली क्यों है?

'रा' सूर्य का प्रतिनिधित्व करता है, 'अ' अग्नि या आग का प्रतिनिधित्व करता है, और 'मा' चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है। चूँकि पृथ्वी पर प्रकाश के तीन स्रोत सूर्य, अग्नि और चंद्रमा से आते हैं, इसलिए राम का नाम दोहराना प्रकाश, ईश्वर के सर्वोच्च प्रकाश को आमंत्रित करने का एक तरीका है । बेशक, भगवान को अक्सर प्रकाश के रूप में वर्णित किया जाता है।

राम नाम सिद्ध कैसे करें?

राम नाम मंत्र का जप अनुष्ठान किसी शुभ मुहूर्त में आरंभ करना चाहिए। इसके बाद अपना मंत्र जाप शुरु करें, नाम जप आप जितना अधिकाधिक कर सकते हैं, उतना करें। फिर भी आपको नियम ले लेना चाहिए कि प्रतिदिन कम से कम इतने हजार नाम जप तो करना ही है। मंत्र का कम से कम सवा लाख जप अवश्य ही करना चाहिए।

कलयुग का देवता कौन है?

कल्कि (संस्कृत: कल्कि), जिसे कल्किन भी कहा जाता है, हिंदू भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार है। वैष्णव ब्रह्माण्ड विज्ञान के अनुसार, कल्कि का जन्म कलियुग के अंत में होना तय है, जो अस्तित्व के चक्र (कृत) में चार युगों में से अंतिम है।

हनुमान की अभी कितनी उम्र है?

भगवान हनुमान की आयु कितनी है? हनुमान वर्तमान से लगभग 2.59 मिलियन वर्ष पहले से मौजूद हैं। हिंदू देवता हनुमान शक्ति और दयालुता का प्रतिनिधित्व करते हैं।

हिंदू धर्म इस्लाम से कैसे बचे?

मंदिरों के व्यापक विनाश के बावजूद, हिंदू धर्म कायम रहा, आंशिक रूप से एक केंद्रीकृत प्राधिकरण की अनुपस्थिति के कारण; अनुष्ठान और बलिदान मंदिरों के अलावा अन्य स्थानों पर किए जाते थे ।

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