एक बार अवश्य पढ़ना .....
'जय श्रीराम'
वनवास के समय एक राक्षस विराध जंगलों में आग लगाता हुआ पशुयों व मनुष्यो को खाता हुआ आगे बढ़ रहा था , वन में श्री राम से टकरा जाता है और कहता है...
मै तुम्हारा सर्वनाश कर दूंगा, यदि जीवन चाहिये तो अपनी स्त्री और अस्त्र-शस्त्र को छोड़ कर भाग जाओ... 'जीवितुमिच्छास्ति त्यक्तवा सीताम् निरायुधौ' संक्षेप में अब यह क्या है? वस्तुतः यही है असुरत्व! कुछ याद आया? यदि जीना चाहते तो अपनी संपत्ति और महिलाओं को छोड़ कर भाग जाओ... उदाहरण सन् 1990, कश्मीर में हिन्दूओं का नरसंहार... सतयुग हो, द्वापर हो, या कलियुग! मनुष्य पर जब राक्षसी भाव हावी होता है तो वह यही भाषा बोलता है। दैत्य दूसरी दुनिया के लोग नहीं होते, मनुष्य में जब धन और स्त्रियों को लूटने की बर्बर आदत आ जाये, वह दैत्य हो जाता है।
प्रभु श्रीराम कहते है......
हम तुम जैसे राक्षसों को शिक्षा देने आए हैं। 'शिक्षणार्थम् भवादृशाम्।' अर्थात् तुम जैस राक्षसों को ठीक करने आये हैं। कोई भय नहीं, कोई झिझक नहीं। कोई भाईचारा नही, यह है न्याय का भाव। बर्बर राक्षस माता सीता की ओर दौड़ा।
हाँ तो प्रभु ने क्या किया?
प्रभु श्रीराम तय कर चुके हैं कि इनके साथ कैसा व्यवहार करना है 'शठे शाठयम समाचरेत' दुष्ट के साथ दुष्टता का व्यवहार , न किसी तरह का तुष्टिकरण, कोई संदेह नहीं, कोई संकोच नहीं।
प्रभु श्रीराम अपने पहले बाण से उसकी दोनों भुजाएं काट देते हैं। पर दैत्य इतने से ही तो नहीं रुकता, वह विकराल मुँह फाड़ कर उनकी ओर बढ़ता है। तब प्रभु अपने दूसरे बाण से उसके दोनों पैर काट देते हैं। वह फिर भी नहीं रुकता। सर्प की तरह रेंगता हुआ उनकी ओर बढ़ता है। अधर्म पराजित हो कर भी शीघ्र समाप्त नहीं होता। तब अंत में प्रभु उसका मस्तक उड़ा देते हैं।
स्त्रियों को लूटी जा सकने वाली वस्तु समझने वाले हर दैत्य का अंत ऐसा ही होना चाहिये। एक एक कर के उसके सारे अंग काटें.......... ऐसे कि वह चीख पड़े, तड़प उठे..............
यह मैं नहीं कह रहा हूँ। यह प्रभु श्रीराम कर के गए हैं। हमारा दोष यह है कि हम श्रीराम को पूजते अधिक हैं, उनसे सीखते कुछ नही।
राम राम करने के कितने फायदे है ?
राम नाम जप के लाभ
‘राम’ नाम का जाप वैदिक परंपरा और भक्ति मार्ग में अत्यंत शक्तिशाली और कल्याणकारी माना गया है। यह केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं है, बल्कि मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से सकारात्मक प्रभाव डालता है। श्री राम के नाम का स्मरण जीवन के सभी पहलुओं में संतुलन और शांति लाने में सहायक होता है।
कष्टों और बाधाओं का निवारण
राम नाम का जप करने से जीवन में आने वाले कष्ट और बाधाएं धीरे-धीरे समाप्त होने लगती हैं। इसे ‘संकट मोचन’ कहा गया है, क्योंकि इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में उपस्थित नेगेटिव एनर्जी को समाप्त कर देता है। जब भी व्यक्ति किसी कठिनाई से घिरा होता है, ‘राम-राम’ का स्मरण उसके मन को दृढ़ता और साहस प्रदान करता है।
मानसिक शांति और सकारात्मकता
राम नाम का जाप मानसिक शांति प्रदान करता है। यह व्यक्ति के विचारों को स्थिर करता है और तनाव को दूर करता है। जाप के माध्यम से व्यक्ति अपने भीतर सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करता है, जो उसके जीवन में संतुलन और स्थायित्व लाती है। जब मन शांत और स्थिर होता है, तो निर्णय लेने की क्षमता भी बेहतर होती है।
आध्यात्मिक उन्नति
राम नाम जप केवल भौतिक सुखों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक उन्नति का भी एक सशक्त माध्यम है। इसके निरंतर जाप से व्यक्ति को ब्रह्मज्ञान की ओर बढ़ने का अवसर मिलता है। यह भक्ति, समर्पण और आत्मा की शुद्धि का साधन बनता है। राम नाम का जाप करने वाले लोग अपने जीवन में गहरे आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करते हैं।
सफलता और समृद्धि
ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राम नाम का जाप व्यक्ति के जीवन में सफलता और समृद्धि लाने में सहायक होता है। यह जाप व्यक्ति के कर्मों को शुभ बनाता है और उसके प्रयासों में सफलता सुनिश्चित करता है। जब मन में विश्वास और सकारात्मकता होती है, तो हर कार्य सुगमता से पूर्ण होता है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
राम नाम के निरंतर जाप से न केवल मानसिक शांति प्राप्त होती है, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। जाप के दौरान कंपन (vibrations) उत्पन्न होते हैं, जो शरीर के ऊर्जा केंद्रों (chakras) को सक्रिय करते हैं। यह व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और उसे स्वस्थ एवं ऊर्जावान बनाता है।
सकारात्मक ऊर्जा का संचार
राम नाम का जप करने से व्यक्ति के आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह न केवल व्यक्ति के भीतर शांति और संतोष उत्पन्न करता है, बल्कि उसके आसपास के वातावरण को भी शुद्ध करता है। इससे परिवार और समाज में भी सौहार्द का निर्माण होता है।
राम नाम का स्मरण केवल आध्यात्मिक क्रिया नहीं है, बल्कि यह संपूर्ण जीवन को रूपांतरित करने की शक्ति रखता है। इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ जपने से व्यक्ति को मानसिक शांति, आध्यात्मिक ज्ञान, और भौतिक सफलता प्राप्त होती है। चाहे किसी भी परिस्थिति में हों, ‘राम-राम’ का जप एक ऐसा अमृत है, जो हर कष्ट और बाधा का निवारण कर सकता है।
।। जय श्री राम।। ।। जय श्री राम।। ।। जय श्री राम।। ।। जय श्री राम।। ।। जय श्री राम।। ।। जय श्री राम।।
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दोस्तों आपको मेरे द्वारा लिखे गये लेख कैसे लगे कृप्या अपनी प्रतिक्रिया कमेन्ट मे जरूर दें।
हर हर महादेव।। प्रभु की कृपा हमेशा सब पर बनी रही।
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