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रामचरितमानस में सिर विहीन राक्षस कंबध का वर्णन मिलता है....

एक बार अवश्य पढ़ना .....


कबन्ध एक गन्धर्व था जो कि दुर्वासा ऋषि के श्राप के कारण राक्षस बन गया था। 

प्रभु श्रीराम ने उसका वध करके राक्षस योनि से उसका उद्धार किया। एक अन्य कथा के अनुसार यह “श्री” नामक अप्सरा का पुत्र था और विश्वावसु नाम का गंधर्व था। यह अत्यंत सुंदर बलशाली तथा इच्छा के अनुसार रूप धारण करने वाला था।

प्रभु श्री राम के द्वारा कबंध नामक राक्षस का वध....

श्री राम और लक्ष्मण जब सीता माता को खोज रहे थे तो दंडक वन में उनका सामना अचानक एक विचित्र दानव से हुआ जिसका मस्तक और गला नहीं थे। उसकी केवल एक ही आंख ही नजर आ रही थी। वह विशालकाय और भयानक था। उस विचित्र दैत्य का नाम कबंध था।

कबंध ने राम-लक्ष्मण को एकसाथ पकड़ लिया। राम और लक्ष्मण ने कबंध की दोनों भुजाएं काट डालीं। कबंध ने भूमि पर गिरकर पूछा- आप कौन वीर हैं? परिचय जानकर कबंध बोला- यह मेरा भाग्य है कि आपने मुझे बंधन मुक्त कर दिया। कबंध ने कहा- मैं दनु का पुत्र कबंध बहुत पराक्रमी तथा सुंदर था। राक्षसों जैसी भीषण आकृति बनाकर मैं ऋषियों को डराया करता था इसीलिए मेरा यह हाल हो गया था।

ऋषि स्थूलशिरा ने कबंध को श्राप दिया था और कहा था कि जब श्री राम अपने भाई लक्ष्मण के साथ अपनी पत्नी को ढूंढने आएंगे तब वे तुम्हारी भुजाएं काट डालेंगे। तब वो ही तुम्हें श्राप मुक्त करेंगे।

कबंध कौन था....

कबन्ध एक गन्धर्व था जो कि दुर्वासा ऋषि के श्राप के कारण राक्षस बन गया था। राम ने उसका वध करके राक्षस योनि से उसका उद्धार किया। एक अन्य कथा के अनुसार यह “श्री” नामक अप्सरा का पुत्र था और “विश्वावसु “नाम का गंधर्व था। यह अत्यंत सुंदर बलशाली तथा इच्छा के अनुसार रूप धारण करने वाला था। एक बार इसने बड़ा भयंकर रूप धारण करके स्थूलशिरा नामक ऋषि को बहुत परेशान किया तब उन्होंने इसे श्राप दे दिया कि तू इसी रूप में बना रहेगा। इसके बाद एक बार इंद्र ने इस पर वज्र का प्रहार किया जिससे इसका सिर पेट में घुस गया केवल कबंध अर्थात धड़ ही शेष रहा जिसके कारण इसका नाम कबन्ध पड़ा।

श्री राम रक्षा स्त्रोत मंत्र....

राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे। सहस्त्रनाम ततुल्यं रामनाम वरानने।।

राम राम करने के कितने फायदे है ?

राम नाम जप के लाभ

‘राम’ नाम का जाप वैदिक परंपरा और भक्ति मार्ग में अत्यंत शक्तिशाली और कल्याणकारी माना गया है। यह केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं है, बल्कि मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से सकारात्मक प्रभाव डालता है। श्री राम के नाम का स्मरण जीवन के सभी पहलुओं में संतुलन और शांति लाने में सहायक होता है।

कष्टों और बाधाओं का निवारण

राम नाम का जप करने से जीवन में आने वाले कष्ट और बाधाएं धीरे-धीरे समाप्त होने लगती हैं। इसे ‘संकट मोचन’ कहा गया है, क्योंकि इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में उपस्थित नेगेटिव एनर्जी को समाप्त कर देता है। जब भी व्यक्ति किसी कठिनाई से घिरा होता है, ‘राम-राम’ का स्मरण उसके मन को दृढ़ता और साहस प्रदान करता है।

मानसिक शांति और सकारात्मकता

राम नाम का जाप मानसिक शांति प्रदान करता है। यह व्यक्ति के विचारों को स्थिर करता है और तनाव को दूर करता है। जाप के माध्यम से व्यक्ति अपने भीतर सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करता है, जो उसके जीवन में संतुलन और स्थायित्व लाती है। जब मन शांत और स्थिर होता है, तो निर्णय लेने की क्षमता भी बेहतर होती है।

आध्यात्मिक उन्नति

राम नाम जप केवल भौतिक सुखों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक उन्नति का भी एक सशक्त माध्यम है। इसके निरंतर जाप से व्यक्ति को ब्रह्मज्ञान की ओर बढ़ने का अवसर मिलता है। यह भक्ति, समर्पण और आत्मा की शुद्धि का साधन बनता है। राम नाम का जाप करने वाले लोग अपने जीवन में गहरे आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करते हैं।

सफलता और समृद्धि

ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राम नाम का जाप व्यक्ति के जीवन में सफलता और समृद्धि लाने में सहायक होता है। यह जाप व्यक्ति के कर्मों को शुभ बनाता है और उसके प्रयासों में सफलता सुनिश्चित करता है। जब मन में विश्वास और सकारात्मकता होती है, तो हर कार्य सुगमता से पूर्ण होता है।

स्वास्थ्य पर प्रभाव

राम नाम के निरंतर जाप से न केवल मानसिक शांति प्राप्त होती है, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। जाप के दौरान कंपन (vibrations) उत्पन्न होते हैं, जो शरीर के ऊर्जा केंद्रों (chakras) को सक्रिय करते हैं। यह व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और उसे स्वस्थ एवं ऊर्जावान बनाता है।

सकारात्मक ऊर्जा का संचार

राम नाम का जप करने से व्यक्ति के आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह न केवल व्यक्ति के भीतर शांति और संतोष उत्पन्न करता है, बल्कि उसके आसपास के वातावरण को भी शुद्ध करता है। इससे परिवार और समाज में भी सौहार्द का निर्माण होता है।

राम नाम का स्मरण केवल आध्यात्मिक क्रिया नहीं है, बल्कि यह संपूर्ण जीवन को रूपांतरित करने की शक्ति रखता है। इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ जपने से व्यक्ति को मानसिक शांति, आध्यात्मिक ज्ञान, और भौतिक सफलता प्राप्त होती है। चाहे किसी भी परिस्थिति में हों, ‘राम-राम’ का जप एक ऐसा अमृत है, जो हर कष्ट और बाधा का निवारण कर सकता है।

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दोस्तों आपको मेरे द्वारा लिखे गये लेख कैसे  लगे कृप्या अपनी प्रतिक्रिया कमेन्ट मे जरूर दें।

हर हर महादेव।। प्रभु की कृपा हमेशा सब पर बनी रही।


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