एक बार अवश्य पढ़ना .....
श्री हनुमानजी पांंडवों के बीच एक अनसूलझा प्रसंग--
एक बार पांडवों के पास नारद मुनि आए और उन्होंने युधिष्ठर से कहा की स्वर्ग में आपके पिता पांडु दुखी हैं। कारण पूछने पर उन्होंने कहा की पांडु अपने जीते जी राजसूय यज्ञ करना चाहते थे जो न कर सके ऐसे में आपको ऐसा कर उनकी आत्मा को शांति पहुंचना चाहिए।
तब पांडवो ने राजसूय यज्ञ आयोजित किया, आयोजन को भव्य बनाने के लिए युधिष्ठर ने यज्ञ में भगवान शिव के परम भक्त ऋषि पुरुष मृगा को आमंत्रित करने का फैसला किया। ऋषि पुरुष मृगा जन्म से ही अपने नाम के जैसे थे। उनका आधा शरीर पुरुष का था और पैर मृग के समान थे। उन्हें ढूंढने और बुलाने का जिम्मा भीम को सौंपा गया। जब भीम, पुरुषमृगा की खोज में निकलने लगे तो श्री कृष्ण ने भीम को चेताया की यदि तुम पुरुषमृगा की गति का मुकाबला नहीं कर पाए तो वो तुम्हें मार देगा।
इस बात से भयभीत भीम, पुरुषमृगा की खोज में हिमालय की ओर चल दिए। जंगल से गुजरते वक़्त उन्हें हनुमान जी मिले। हनुमान जी ने भीम से उसके चिंतित होने का कारण पूछा। भीम ने हनुमान को पूरी कहानी बताई। हनुमान ने कहा यह सच है कि पुरुषमृगा की गति बहुत तेज है और उसका कोई मुकाबला नहीं कर सकता। उसकी गति मंद करने का एक ही उपाय है। चूँकि वो शिवजी का परम भक्त है इसलिए यदि हम उसके रास्ते में शिवलिंग बना दे तो वो उनकी पूजा करने अवश्य रुकेगा।
हनुमान जी ने ऐसा कहकर भीम को अपने 3 केश* दिए और कहा की जब भी लगे कि पुरुषमृगा तुम्हें पकड़ने वाले है तो तुम एक बाल वहां गिरा देना। यह एक बाल 1000 शिवलिंगों में परिवर्तित हो जाएगा। पुरुषमृगा अपने स्वाभाव अनुसार हर शिवलिंग की पूजा करेंगे और तुम आगे निकल जाना।
उसके बाद भीम आज्ञा लेकर आगे बढ़े. कुछ दूर जाकर ही भीम को पुरुष मृगा मिल गए जो को भगवान महादेव की स्तुति कर रहे थे। भीम ने उन्हें प्रणाम किया और अपने आने का कारण बताया, इस पर ऋषि ने सशर्त जाने के लिए हां कर दी।
शर्त ये थी की भीम को उनसे पहले हस्तिनापुर पहुंचाना था और अगर वो ऐसा न कर सके तो ऋषि पुरुष मृगा भीम को खा जाएंगे. भीम ने भाई की इच्छा को ध्यान में रखते हुए हां कर दी और हस्तिनापुर की तरफ पुरे बल से दौड़ पड़े। काफी दौड़ने के बाद भीम ने भागते भागते ही पलट कर देखा की पुरुषमृगा पीछे आ रहे है या नहीं, तो चौंक गए की पुरुषमृगा उसे बस पकड़ने वाले ही हैं। तभी भीम को हनुमान के बाल याद आए और उनमे से एक को गिरा दिया, गिरा हुआ बाल हज़ार शिवलिंगो में बदल गया।
शिव के परमभक्त होने के नाते पुरुषुमृगा हर शिवलिंग को प्रणाम करने लगे और भीम भागता रहा। ऐसा भीम ने तीन बार किया और जब वो हस्तिनापुर के द्वार में घुसने ही वाला था तो पुरुषमृगा ने भीम को पकड़ लिया, हालांकि भीम ने छलांग लगाई थी पर उसके पैर दरवाजे के बाहर ही रह गए।
इस पर पुरुषमृगा ने भीम को खाना चाहा,इसी दौरान कृष्णा और युधिष्ठर द्वार पर पहुंच गए।दोनों को देख कर भीम ने भी बहस शुरू कर दी,तब युधिष्ठर से पुरुषमृगा ने न्याय करने को कहा।तब युधिष्ठर ने कहा की भीम के पांव द्वार के बाहर रह गए थे।इसलिए आप सिर्फ भीम के पैर ही खाने के हक़दार है,युधिष्ठर के न्याय से पुरुषमृगा प्रसन्न हुए और भीम को बक्श दिया।उन्होंने राजसूय यज्ञ में भाग लिया और सबको आशीर्वाद भी दिया..!!
श्री राम रक्षा स्त्रोत मंत्र....
राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे। सहस्त्रनाम ततुल्यं रामनाम वरानने।।
राम राम करने के कितने फायदे है ?
राम नाम जप के लाभ
‘राम’ नाम का जाप वैदिक परंपरा और भक्ति मार्ग में अत्यंत शक्तिशाली और कल्याणकारी माना गया है। यह केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं है, बल्कि मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से सकारात्मक प्रभाव डालता है। श्री राम के नाम का स्मरण जीवन के सभी पहलुओं में संतुलन और शांति लाने में सहायक होता है।
कष्टों और बाधाओं का निवारण
राम नाम का जप करने से जीवन में आने वाले कष्ट और बाधाएं धीरे-धीरे समाप्त होने लगती हैं। इसे ‘संकट मोचन’ कहा गया है, क्योंकि इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में उपस्थित नेगेटिव एनर्जी को समाप्त कर देता है। जब भी व्यक्ति किसी कठिनाई से घिरा होता है, ‘राम-राम’ का स्मरण उसके मन को दृढ़ता और साहस प्रदान करता है।
मानसिक शांति और सकारात्मकता
राम नाम का जाप मानसिक शांति प्रदान करता है। यह व्यक्ति के विचारों को स्थिर करता है और तनाव को दूर करता है। जाप के माध्यम से व्यक्ति अपने भीतर सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करता है, जो उसके जीवन में संतुलन और स्थायित्व लाती है। जब मन शांत और स्थिर होता है, तो निर्णय लेने की क्षमता भी बेहतर होती है।
आध्यात्मिक उन्नति
राम नाम जप केवल भौतिक सुखों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक उन्नति का भी एक सशक्त माध्यम है। इसके निरंतर जाप से व्यक्ति को ब्रह्मज्ञान की ओर बढ़ने का अवसर मिलता है। यह भक्ति, समर्पण और आत्मा की शुद्धि का साधन बनता है। राम नाम का जाप करने वाले लोग अपने जीवन में गहरे आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करते हैं।
सफलता और समृद्धि
ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राम नाम का जाप व्यक्ति के जीवन में सफलता और समृद्धि लाने में सहायक होता है। यह जाप व्यक्ति के कर्मों को शुभ बनाता है और उसके प्रयासों में सफलता सुनिश्चित करता है। जब मन में विश्वास और सकारात्मकता होती है, तो हर कार्य सुगमता से पूर्ण होता है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
राम नाम के निरंतर जाप से न केवल मानसिक शांति प्राप्त होती है, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। जाप के दौरान कंपन (vibrations) उत्पन्न होते हैं, जो शरीर के ऊर्जा केंद्रों (chakras) को सक्रिय करते हैं। यह व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और उसे स्वस्थ एवं ऊर्जावान बनाता है।
सकारात्मक ऊर्जा का संचार
राम नाम का जप करने से व्यक्ति के आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह न केवल व्यक्ति के भीतर शांति और संतोष उत्पन्न करता है, बल्कि उसके आसपास के वातावरण को भी शुद्ध करता है। इससे परिवार और समाज में भी सौहार्द का निर्माण होता है।
राम नाम का स्मरण केवल आध्यात्मिक क्रिया नहीं है, बल्कि यह संपूर्ण जीवन को रूपांतरित करने की शक्ति रखता है। इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ जपने से व्यक्ति को मानसिक शांति, आध्यात्मिक ज्ञान, और भौतिक सफलता प्राप्त होती है। चाहे किसी भी परिस्थिति में हों, ‘राम-राम’ का जप एक ऐसा अमृत है, जो हर कष्ट और बाधा का निवारण कर सकता है।
------------------------------------------------------------------------------------------------------------
दोस्तों आपको मेरे द्वारा लिखे गये लेख कैसे लगे कृप्या अपनी प्रतिक्रिया कमेन्ट मे जरूर दें।
हर हर महादेव।। प्रभु की कृपा हमेशा सब पर बनी रही।
#livethelittlethings #visualsgang #darlingmovement #collectivelycreate #behindthescenes #flashesofdelight #darlingmovement #chasinglight #risingtidesociety #finditliveit #seekthesimplicity #theartofslowliving #myunicornlife #lookslikefilm #thatsdarling #momentswithsunday #alifeconscious #dedication #determination #dreams #documentyourdays #holdyourmoments #simpleliving
0 Comments