एक बार अवश्य पढ़ना .....
🙏चले मरुत उनचास🙏
जब दम्भी रावण ने पूरी लंका का तेल घी कपड़ा लगा हनुमानजी की पूछ मे आग लगा दी और उसको लगा की यह वानर अब जली पूंछ से व्याकुल होकर लज्जित सर झुकाए अपने स्वामी के वापस जाएगा तो उसे "रावण की ताकत" का आभास होगा और एक आभासी शत्रु को रावण की शक्ति का संदेश जाएगा। पर रावण को क्या पता यहां उसका घमण्ड चकनाचूर होने वाला है!!
यहा एक गूढ़ रहस्य पता चलता है, हनुमान जी एक कुशल गुप्तचर थे अग्रणी और क्रिस्टल क्लीयर गुणवत्ता के जासूस थे!! और इतनी विशाल लंका उन्होंने चंद मिनट मे अकेले नही जलाई थी.... हनुमान जी की जितने भी Deep Asset थे यानी की हवा मे मौजूद जासूस वो सब अब हनुमान की सहायता करने आ गये...... और वो मरुत यानी की छोटे छोटे हनुमान जैसे स्वरूप वाले हवा से बने दूत... कुल उनचास थे।
इसे श्री तुलसीदासजी अपने शब्दो मे कुछ यों लिखा है....
हरि प्रेरित तेहि अवसर चले मरुत उनचास । अट्टहास करि गर्जा कपि बढ़ि लाग अकास ।।
अब इसे science के दृष्टिकोण से देखते है ये मरुत उनचास हवा के प्रकार हैं the way of air flow..... जैसे हम सुनते हैं पुरुवा पछुंआ आंधी तूफान बवंडर सब एक साथ लंका मे प्रवाहित हो उठे .....
देह बिसाल परम हरुआई । मंदिर ते मंदिर चढ़ धाई ।।
जरइ नगर भा लोग बिहाला । झपट लपट बहु कोटि कराला ।।
उसके बाद हनुमान जी अपने शरीर को विशाल बना लिया पर शरीर का भार हल्का हो गया (हरुआई अवधी शब्द है जिसका अर्थ भारहीन होता है) और हां यह एक और उदाहरण है जब अग्नी ने किसी शरीर को नही जलाया घी कपड़ा लपेटने के बाद भी.. अब हनुमान जी की शरीर अग्नि से क्यों नही जली इस पर फिर कभी चर्चा करेंगें.....
ये पहली चाल थी जहां रावण ने मुह की खाई थी सबसे पहले हनुमान ने लंका की Deep security को धता बता लंका प्रवेश किया फिर लंकिनी को मारा पूरी अशोक वाटिका तहस नहस कर दी..... रावण के सबसे प्यारे लडके का वध कर पूरी लंका का गहन विश्लेषण किया और विभीषण को भी संदेशा दे आए की आओ बेटा तुम्हारे राम आ गये हैं.. फिर कंचन कनक की पूरी लंका को राख बना दिया !!
इसीलिए जामवंत ने कहा था......
कवन सो काज कठिन जग माहीं। जो नहिं होइ तात तुम्ह पाहीं॥
श्री राम रक्षा स्त्रोत मंत्र....
राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे। सहस्त्रनाम ततुल्यं रामनाम वरानने।।
आप सब पर मेरे राम की कृपा बनी रहे। जय श्रीराम जय जय श्रीराम।।
राम राम करने के कितने फायदे है ?
राम नाम जप के लाभ
‘राम’ नाम का जाप वैदिक परंपरा और भक्ति मार्ग में अत्यंत शक्तिशाली और कल्याणकारी माना गया है। यह केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं है, बल्कि मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से सकारात्मक प्रभाव डालता है। श्री राम के नाम का स्मरण जीवन के सभी पहलुओं में संतुलन और शांति लाने में सहायक होता है।
कष्टों और बाधाओं का निवारण
राम नाम का जप करने से जीवन में आने वाले कष्ट और बाधाएं धीरे-धीरे समाप्त होने लगती हैं। इसे ‘संकट मोचन’ कहा गया है, क्योंकि इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में उपस्थित नेगेटिव एनर्जी को समाप्त कर देता है। जब भी व्यक्ति किसी कठिनाई से घिरा होता है, ‘राम-राम’ का स्मरण उसके मन को दृढ़ता और साहस प्रदान करता है।
मानसिक शांति और सकारात्मकता
राम नाम का जाप मानसिक शांति प्रदान करता है। यह व्यक्ति के विचारों को स्थिर करता है और तनाव को दूर करता है। जाप के माध्यम से व्यक्ति अपने भीतर सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करता है, जो उसके जीवन में संतुलन और स्थायित्व लाती है। जब मन शांत और स्थिर होता है, तो निर्णय लेने की क्षमता भी बेहतर होती है।
आध्यात्मिक उन्नति
राम नाम जप केवल भौतिक सुखों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक उन्नति का भी एक सशक्त माध्यम है। इसके निरंतर जाप से व्यक्ति को ब्रह्मज्ञान की ओर बढ़ने का अवसर मिलता है। यह भक्ति, समर्पण और आत्मा की शुद्धि का साधन बनता है। राम नाम का जाप करने वाले लोग अपने जीवन में गहरे आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करते हैं।
सफलता और समृद्धि
ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राम नाम का जाप व्यक्ति के जीवन में सफलता और समृद्धि लाने में सहायक होता है। यह जाप व्यक्ति के कर्मों को शुभ बनाता है और उसके प्रयासों में सफलता सुनिश्चित करता है। जब मन में विश्वास और सकारात्मकता होती है, तो हर कार्य सुगमता से पूर्ण होता है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
राम नाम के निरंतर जाप से न केवल मानसिक शांति प्राप्त होती है, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। जाप के दौरान कंपन (vibrations) उत्पन्न होते हैं, जो शरीर के ऊर्जा केंद्रों (chakras) को सक्रिय करते हैं। यह व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और उसे स्वस्थ एवं ऊर्जावान बनाता है।
सकारात्मक ऊर्जा का संचार
राम नाम का जप करने से व्यक्ति के आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह न केवल व्यक्ति के भीतर शांति और संतोष उत्पन्न करता है, बल्कि उसके आसपास के वातावरण को भी शुद्ध करता है। इससे परिवार और समाज में भी सौहार्द का निर्माण होता है।
राम नाम का स्मरण केवल आध्यात्मिक क्रिया नहीं है, बल्कि यह संपूर्ण जीवन को रूपांतरित करने की शक्ति रखता है। इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ जपने से व्यक्ति को मानसिक शांति, आध्यात्मिक ज्ञान, और भौतिक सफलता प्राप्त होती है। चाहे किसी भी परिस्थिति में हों, ‘राम-राम’ का जप एक ऐसा अमृत है, जो हर कष्ट और बाधा का निवारण कर सकता है।
🔱🙏🚩हर हर महादेव! जय सत्य सनातन🔱🙏🚩 जय सनातन धर्म जय जय श्री राम 🚩
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प्रिय पाठकों, कैसी लगी यह कथा?
आशा करते हैं कि आपको यह कथा पसंद आई होगी। अगली बार फिर मिलेंगे एक और भक्तिपूर्ण कथा के साथ। तब तक अपना ख्याल रखें, मुस्कुराते रहें, और दूसरों के साथ खुशी बाँटते रहें।
दोस्तों आपको मेरे द्वारा लिखे गये लेख कैसे लगे कृप्या अपनी प्रतिक्रिया कमेन्ट मे जरूर दें।
हर हर महादेव।। प्रभु की कृपा हमेशा सब पर बनी रही। 👋हर हर महादेव! धन्यवाद।
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