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सनातन धर्म में हवन यज्ञ क्यों किया जाता है एवं वैज्ञानिक कारण ....

एक बार अवश्य पढ़ना .....

🔥 हवन यज्ञ के महत्व और वैज्ञानिक तथ्य 🔥

हवन क्या हैं एवं क्यों किया जाता हैं? इसके क्या क्या लाभ हैं? हवन एक प्राचीन वैदिक प्रक्रिया है, जिसमें अग्नि में विशेष सामग्रियों को आहुति देकर धार्मिक और आध्यात्मिक उद्देश्यों को पूरा किया जाता है। इसे यज्ञ, होम या अग्निहोत्र भी कहा जाता है। हवन में विशेष मन्त्रों का उच्चारण किया जाता है और अग्नि देवता को पूज्य मानकर विभिन्न प्रकार की औषधीय सामग्री अर्पित की जाती है।

हवन क्यों किया जाता है?

हवन को सकारात्मक ऊर्जा, शुद्धि और ईश्वर के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए किया जाता है। इसके पीछे निम्नलिखित कारण होते हैं:

  1. आध्यात्मिक शुद्धि: यह आत्मा और मन को शुद्ध करने का एक माध्यम है।
  2. पर्यावरण शुद्धि: हवन से उत्पन्न धुआं वातावरण को शुद्ध करता है।
  3. दिव्य कृपा प्राप्ति: इसे देवी-देवताओं को प्रसन्न करने और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
  4. नकारात्मकता को दूर करना: नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों को समाप्त करने में सहायक है।
  5. संस्कार और परंपरा: यह वैदिक संस्कृति का अभिन्न अंग है और धर्म एवं कर्म का पालन करने के लिए किया जाता है।

हवन के लाभ

हवन के आध्यात्मिक, मानसिक और भौतिक लाभ होते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:

1. पर्यावरणीय लाभ

  • हवन में उपयोग होने वाली सामग्री, जैसे गाय का घी, गुग्गुल, कपूर, और जड़ी-बूटियाँ, वातावरण में शुद्धता लाती हैं।
  • यह वायु में जीवाणु, विषाणु और अन्य हानिकारक तत्वों को समाप्त करता है।

2. स्वास्थ्य लाभ

  • हवन में प्रयुक्त औषधियाँ जब धुएं के रूप में वायुमंडल में फैलती हैं, तो वे श्वसन तंत्र को शुद्ध करती हैं।
  • इससे मानसिक तनाव कम होता है और सकारात्मकता का संचार होता है।

3. मानसिक और आध्यात्मिक लाभ

  • हवन के दौरान मंत्रों का उच्चारण मन को शांत करता है और ध्यान केंद्रित करने में सहायता करता है।
  • यह मन को शांति और आत्मा को शुद्धि प्रदान करता है।

4. धार्मिक और सांस्कृतिक लाभ

  • हवन धर्म-कर्म के पालन और परंपराओं को जीवित रखने का माध्यम है।
  • इसे करने से देवी-देवताओं की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।

5. सामाजिक लाभ

  • हवन के माध्यम से सामूहिक रूप से एकता और सकारात्मकता का अनुभव किया जाता है।

हवन में उपयोग होने वाली सामग्री - हवन में निम्नलिखित सामग्री का प्रयोग किया जाता है:

  • गाय का घी
  • गुग्गुल
  • कपूर
  • चंदन एवं आम की लकड़ी
  • बेल, तिल और अन्य जड़ी-बूटियाँ
  • नारियल और हवन सामग्री का मिश्रण

हवन न केवल एक धार्मिक प्रक्रिया है बल्कि इसका वैज्ञानिक और स्वास्थ्य संबंधी महत्व भी है। यह हमारे मन, शरीर, और वातावरण को शुद्ध करता है, और जीवन में शांति और समृद्धि लाने में सहायक है।

Scientific reasons

फ़्रांस के ट्रेले नामक वैज्ञानिक ने हवन पर रिसर्च की। जिसमें उन्हें पता चला की हवन मुख्यतः

आम की लकड़ी पर किया जाता है। जब आम की लकड़ी जलती है तो फ़ॉर्मिक एल्डिहाइड नामक गैस उत्पन्न होती है। जो कि खतरनाक बैक्टीरिया और जीवाणुओं को मारती है तथा वातावरण को शुद्द करती है। इस रिसर्च के बाद ही वैज्ञानिकों को इस गैस और इसे बनाने का तरीका पता चला। गुड़ को जलाने पर भी ये गैस उत्पन्न होती है।

टौटीक नामक वैज्ञानिक ने हवन पर की गयी अपनी रिसर्च में ये पाया की यदि आधे घंटे हवन में बैठा जाये अथवा हवन के धुएं से शरीर का सम्पर्क हो तो टाइफाइड जैसे खतरनाक रोग फ़ैलाने वाले जीवाणु भी मर जाते हैं और शरीर शुद्ध हो जाता है।

हवन की महत्ता देखते हुए राष्ट्रीय वनस्पति अनुसन्धान संस्थान लखनऊ के वैज्ञानिकों ने भी इस पर एक रिसर्च की,  क्या वाकई हवन से वातावरण शुद्द होता है और जीवाणु नाश होता है ? अथवा नही ?

उन्होंने ग्रंथों में वर्णिंत हवन सामग्री जुटाई और जलाने पर पाया कि ये विषाणु नाश करती है। फिर उन्होंने विभिन्न प्रकार के धुएं पर भी काम किया और देखा कि सिर्फ आम की लकड़ी १ किलो जलाने से हवा में मौजूद विषाणु बहुत कम नहीं हुए । पर जैसे ही उसके ऊपर आधा किलो हवन सामग्री डाल कर जलायी गयी तो एक घंटे के भीतर ही कक्ष में मौजूद बैक्टीरिया का स्तर ९४ % कम हो गया।

यही नहीं उन्होंने आगे भी कक्ष की हवा में मौजुद जीवाणुओ का परीक्षण किया और पाया कि कक्ष के दरवाज़े खोले जाने और सारा धुआं निकल जाने के २४ घंटे बाद भी जीवाणुओं का स्तर सामान्य से ९६ प्रतिशत कम था।

बार-बार परीक्षण करने पर ज्ञात हुआ कि इस एक बार के धुएं का असर एक माह तक रहा और उस कक्ष की वायु में विषाणु स्तर 30 दिन बाद भी सामान्य से बहुत कम था।

यह रिपोर्ट एथ्नोफार्माकोलोजी के शोध पत्र (Research journal of Ethnopharmacology 2007) में भी दिसंबर 2007 में छप चुकी है।

रिपोर्ट में लिखा गया कि हवन के द्वारा न सिर्फ मनुष्य बल्कि वनस्पतियों एवं फसलों को नुकसान पहुचाने वाले बैक्टीरिया का भी नाश होता है। जिससे फसलों में रासायनिक खाद का प्रयोग कम हो सकता है ।

🔱🙏🚩हर हर महादेव! जय सत्य सनातन🔱🙏🚩 जय सनातन धर्म जय जय श्री राम 🚩

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