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क्यों भागते है भूतप्रेत हनुमान जी के नाम से _हनुमान चालीसा एवं सिद्ध मंत्र ???

एक बार अवश्य पढ़ना .....


आइये शुरू करते हैं प्रभु श्रीराम और हनुमान जी के नाम से भूतप्रेतों का समुदाय कैसे डर के भागते है रोचक कथा एवं श्री हनुमान चालीसा का पाठ एवं सिद्ध मंत्र....

प्रभु श्रीराम के यज्ञ को भंग करने के लिए रावण के कहने पर पिशाचराज अपनी सेना के साथ अयोध्या और वानरराज केसरी के राज्य पर हमला कर देता है, जिससे पूरे सुमेरु राज्य में हाहाकार मच जाता है।

पिशाच माता अंजनी को अपने वश में कर लेते हैं, जिस वजह से वे राजा केसरी पर हमला करने लगती हैं। इस पर हनुमान पिशाच लोक में जाकर पिशाचराज से भीषण युद्ध करते हैं, लेकिन जैसे ही वे पिशाचराज का वध करने जा रहे होते है , तभी वह प्रभु श्रीराम का नाम ले लेता है, जिससे हनुमान अपना वार रोक लेते हैं। तभी राम जी प्रकट होकर पिशाचराज को वचनबद्ध करते हैं कि आज से जो भी महावीर हनुमान का नाम लेगा, उसके निकट कोई भी भूत-पिशाच नहीं आएगा और न ही उसे कष्ट देगा। पिशाचराज प्रभु श्रीराम और हनुमान का वचन मानकर इस नियम का पालन करने की प्रतिज्ञा करते हुए कहते है की आज से मै तो क्या मेरा पूरा समुदाय इस वचन का पालन करेगा।

इसके बाद हनुमान जी पिशाचराज को मुक्त कर देते हैं, तभी वानरराज केसरी हनुमान जी की याद में उन का नाम ले लेते हैं, हनुमान का नाम सुनते ही सारे पिशाच भाग खड़े होते हैं और माता अंजनी भी हनुमान जी का नाम लेकर पिशाच प्रभाव से मुक्त हो जाती हैं।



हनुमान जी के नाम लेने से भूत-प्रेत, नकारात्मक शक्तियां दूर भाग जाती हैं. हनुमान चालीसा पढ़ने से भी भूत-प्रेत का साया हटता है. 

हनुमान जी के कुछ  सिद्ध मंत्र--

सर्व रोग निवारण मंत्र,,
यह मंत्र हमे सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति दिलाता है,चाहे कितने ही बड़े या छोटे रोग हो,
इस मंत्र को सुन लेने भर से ही लाभ प्राप्त हो जाता है,और अगर इसे शास्त्रीय पद्धति से सिद्ध कर लिया है तो कई रोगों निवारण किया जा सकता है, मंत्र पढ़ने वाला सिद्धिक रोगी के ऊपर हर बार मंत्र फूंकते हुए मोर पंख से 108 बार झाड़ा लगाए,,🚩🙏🏻🛕

मंत्र इस प्रकार से है🛕

वन में बैठी वानरी अंजनी जायो हनुमन्त, बाला डमरु ब्याहि बिलाई, 
आंख को पीड़ा, मस्तक पीड़ा, चौरासी, बाई, बली बली भस्म हो जाये, 
पके न फूटे पीड़ा करे तो गोरख जती रक्षा करे, 
गुरु की शक्ति, मेरी भक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरी वाचा ।🙏🏻

 


जरूर फल मिलेगा बस प्रयास करते रहिए। 🚩जय सियाराम🚩 बालाजी भक्त🙏🏻

डर लगने पर हनुमान जी का कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

ये हनुमान जी का रुद्र मंत्र है. शत्रु , भय, अनिद्रा, जनहानि के डर से छुटकारा पाने के लिए इस मंत्र का प्रयोग करना उत्तम फलदायी माना गया है. 'ॐ हं हनुमते नम:

ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्, ॐ हं हनुमते नमः

भूत पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे।

हनुमान जी के दुश्मन कौन थे?

रिपोर्ट के अनुसार हनुमान जी का सबसे बड़ा दुश्मन कालनेमि है। कालनेमि को सबसे शक्तिशाली और ताकतवर राक्षसों में से एक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि लंका युद्ध के दौरान लड़े जा रहे युद्ध में कालनेमि प्रमुख राक्षसों में से एक था।

हनुमान जी को बुलाने के लिए क्या करें?

हनुमान जी को बुलाने के लिए कई मंत्र हैं। सबसे प्रभावशाली मंत्र में से एक है - "श्री हनुमते नमः"। इसके अलावा, "बजरंग बली हनुमान जी को बुलाने का मंत्र" भी होता है - "ॐ हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् स्वाहा"। यह मंत्र निश्चित रूप से हनुमान जी को आकर्षित करता है और उनसे सहायता के लिए अनुरोध करता है।

कलयुग में हनुमान जी के दर्शन कैसे होते हैं? कलियुग में कहां कर सकते हैं हनुमान जी के दर्शन...

हनुमान जी आज भी उस जगह पर जरूर आते हैं, जहां पर रामकथा की जाती है। जहां भी प्रभु श्रीराम की स्तुति की जाती है, वहां हनुमान जी किसी न किसी रूप में अपने भक्तों को दर्शन देने पहुंच जाते हैं। हनुमान जी की कृपा पाने के लिए प्रभु श्रीराम का स्मरण जरूर करना चाहिए।

हनुमान जी से गलती की माफी कैसे मांगें? हनुमान जी से गलती की माफी कैसे ...

  • हनुमान जी से गलती की माफी कैसे मांगें?
  • हनुमान जी से गलती की माफी कैसे मांगें?
  • माफी मांगने के लिए करें ये उपाय, हनुमान जी कृपालु हैं, अपने भक्तों के संकट हर लेते है
  • हनुमान चालीसा का पाठ करें
  • अगर समय है, तो सुंदर काण्ड का पाठ अवश्य करें
  • अंत में आरती अर्चना कर सुख, समृद्धि, बल, बुद्धि, विद्या और शक्ति की कामना करें

श्री हनुमान जी महाराज, श्री हनुमान गढ़ी अयोध्या धाम के अद्भुत एवं अलौकिक दर्शन… श्री हनुमान जी की कृपा आप सभी पर बनी रहे… ऐसी मंगल कामना…!!!👇👇 Embed a Youtube video Hello JavaTpoint!
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प्रेत परेशान करे तो क्या करें?

घर में तुलसी का पौधा लगाएं। तुलसी का पौधा एक बहुत ही शुद्ध पौधा है जो प्रेत बाधाओं को दूर करने में मदद करता है। घर में हनुमान चालीसा या श्री गणेश चालीसा का पाठ करें। हनुमान चालीसा और श्री गणेश चालीसा जैसे धार्मिक पाठों का पाठ करने से भी प्रेत बाधाओं को दूर करने में मदद मिल सकती है।

कलयुग में कौन से भगवान जल्दी प्रसन्न होते हैं?

कलियुग में भगवान सूर्यनारायण को नमस्कार मात्र से सभी देवताओं को नमस्कार प्राप्त हो जाता है। दिन, रात मुहूर्त आदि सभी पर भगवान सूर्य का प्रभाव होता है। कलियुग में जो व्यक्ति भी सूर्यदेव की उपासना करेगा उससे प्रसन्न होकर भगवान सूर्य उस व्यक्ति से संतुष्ट होकर उसे धन-धान्य, सुख, पुत्रादि और मोक्ष प्रदान करते हैं।

भूत से डर लगे तो क्या करना चाहिए?

भूत का डर निकालने के लिए आपको भूत के आस्तित्व के बारे में जानना होगा। भूत मानसिक कमजोरी का सूचक है। आपने गौर किया होगा कि मजबूत मन वाले व्यक्तियों को भूत नहीं दिखाई देते। मन को मजबूत करें, इसके लिए बुजुर्गों ने हनुमान चालीसा का नियमित रूप से जाप करने की सीख दी है।




Shri Hanuman Chalisa | श्री हनुमान चालीसा

।।सीता राम चरण रति मोरे, अनुदिन बढ़ऊं अनुग्रह तोरे, 

जेहि विधि नाथ होई हित मोरा, करहूं सो वेगी दास मैं तोरा ।।

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।

बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।

बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुं लोक उजागर।

रामदूत अतुलित बल धामा, अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।

महाबीर बिक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी।

कंचन बरन बिराज सुबेसा, कानन कुण्डल कुंचित केसा।

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै, कांधे मूँज जनेउ साजे।

शंकर सुवन केसरीनंदन, तेज प्रताप महा जग वंदन।

बिद्यावान गुनी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा, बिकट रूप धरि लंक जरावा।

भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र के काज संवारे।

लाय सजीवन लखन जियाये, श्री रघुबीर हरषि उर लाये।

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं, अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं।

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा, नारद सारद सहित अहीसा।

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते, कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते।

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा, राम मिलाय राज पद दीन्हा।

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना, लंकेश्वर भए सब जग जाना।

जुग सहस्र जोजन पर भानु, लील्यो ताहि मधुर फल जानू।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं, जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।

दुर्गम काज जगत के जेते सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।

राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे।

सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डर ना।

आपन तेज सम्हारो आपै, तीनों लोक हांक तें कांपै।

भूत पिसाच निकट नहिं आवै, महाबीर जब नाम सुनावै।

नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा।

संकट तें हनुमान छुड़ावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।

सब पर राम तपस्वी राजा, तिन के काज सकल तुम साजा।

और मनोरथ जो कोई लावै, सोई अमित जीवन फल पावै।

चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा।

साधु-संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन राम दुलारे।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता।

राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपति के दासा।

तुम्हरे भजन राम को पावै, जनम-जनम के दुख बिसरावै।

अन्तकाल रघुबर पुर जाई, जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई।

और देवता चित्त न धरई, हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।

संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।

जय, जय, जय, हनुमान गोसाईं, कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।

जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बंदि महा सुख होई।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा, होए सिद्धि साखी गौरीसा।

तुलसीदास सदा हरि चेरा, कीजै नाथ हृदय मंह डेरा।

पवन तनय संकट हरण मंगल मूर्ति रूप, राम लखन सीता सहित हृदय बसऊ सुर भूप।।

।।सियावर राम जय जय राम  मेरे प्रभु राम जय जय राम।।

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👉 श्री पंचमुखी हनुमान कवच


👉 इच्छा पूर्ति मंत्र

ॐ नमो हनुमंते रूद्रवताराय सर्व शत्रुसंघारणाय सर्व रोग हराय सर्ववशिकरणाय राम दूताय स्वाहा।।

👉 मंगलवार के दिन हनुमान जी के प्रिय मंत्र का जाप जरुर करें, ऐसा करने से हनुमान जी बहुत प्रसन्न होते हैं. हनुमान जी का प्रिय मंत्र है- 

''मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥''

राम राम करने के कितने फायदे है ?

राम नाम जप के लाभ

‘राम’ नाम का जाप वैदिक परंपरा और भक्ति मार्ग में अत्यंत शक्तिशाली और कल्याणकारी माना गया है। यह केवल एक धार्मिक क्रिया नहीं है, बल्कि मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से सकारात्मक प्रभाव डालता है। श्री राम के नाम का स्मरण जीवन के सभी पहलुओं में संतुलन और शांति लाने में सहायक होता है।

कष्टों और बाधाओं का निवारण

राम नाम का जप करने से जीवन में आने वाले कष्ट और बाधाएं धीरे-धीरे समाप्त होने लगती हैं। इसे ‘संकट मोचन’ कहा गया है, क्योंकि इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में उपस्थित नेगेटिव एनर्जी को समाप्त कर देता है। जब भी व्यक्ति किसी कठिनाई से घिरा होता है, ‘राम-राम’ का स्मरण उसके मन को दृढ़ता और साहस प्रदान करता है।

मानसिक शांति और सकारात्मकता

राम नाम का जाप मानसिक शांति प्रदान करता है। यह व्यक्ति के विचारों को स्थिर करता है और तनाव को दूर करता है। जाप के माध्यम से व्यक्ति अपने भीतर सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करता है, जो उसके जीवन में संतुलन और स्थायित्व लाती है। जब मन शांत और स्थिर होता है, तो निर्णय लेने की क्षमता भी बेहतर होती है।

आध्यात्मिक उन्नति

राम नाम जप केवल भौतिक सुखों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक उन्नति का भी एक सशक्त माध्यम है। इसके निरंतर जाप से व्यक्ति को ब्रह्मज्ञान की ओर बढ़ने का अवसर मिलता है। यह भक्ति, समर्पण और आत्मा की शुद्धि का साधन बनता है। राम नाम का जाप करने वाले लोग अपने जीवन में गहरे आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करते हैं।

सफलता और समृद्धि

ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राम नाम का जाप व्यक्ति के जीवन में सफलता और समृद्धि लाने में सहायक होता है। यह जाप व्यक्ति के कर्मों को शुभ बनाता है और उसके प्रयासों में सफलता सुनिश्चित करता है। जब मन में विश्वास और सकारात्मकता होती है, तो हर कार्य सुगमता से पूर्ण होता है।

स्वास्थ्य पर प्रभाव

राम नाम के निरंतर जाप से न केवल मानसिक शांति प्राप्त होती है, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। जाप के दौरान कंपन (vibrations) उत्पन्न होते हैं, जो शरीर के ऊर्जा केंद्रों (chakras) को सक्रिय करते हैं। यह व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और उसे स्वस्थ एवं ऊर्जावान बनाता है।

सकारात्मक ऊर्जा का संचार

राम नाम का जप करने से व्यक्ति के आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह न केवल व्यक्ति के भीतर शांति और संतोष उत्पन्न करता है, बल्कि उसके आसपास के वातावरण को भी शुद्ध करता है। इससे परिवार और समाज में भी सौहार्द का निर्माण होता है।

राम नाम का स्मरण केवल आध्यात्मिक क्रिया नहीं है, बल्कि यह संपूर्ण जीवन को रूपांतरित करने की शक्ति रखता है। इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ जपने से व्यक्ति को मानसिक शांति, आध्यात्मिक ज्ञान, और भौतिक सफलता प्राप्त होती है। चाहे किसी भी परिस्थिति में हों, ‘राम-राम’ का जप एक ऐसा अमृत है, जो हर कष्ट और बाधा का निवारण कर सकता है।

हर हर महादेव।। प्रभु की कृपा हमेशा सब पर बनी रही। 👋हर हर महादेव! धन्यवाद।

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प्रिय पाठकों, कैसी लगी यह कथा?


आशा करते हैं कि आपको यह कथा पसंद आई होगी। अगली बार फिर मिलेंगे एक और भक्तिपूर्ण कथा के साथ। तब तक अपना ख्याल रखें, मुस्कुराते रहें, और दूसरों के साथ खुशी बाँटते रहें।

दोस्तों आपको मेरे द्वारा लिखे गये लेख कैसे लगे कृप्या अपनी प्रतिक्रिया कमेन्ट मे जरूर दें।

हर हर महादेव।। प्रभु की कृपा हमेशा सब पर बनी रही। 👋हर हर महादेव! धन्यवाद


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